पचरौता नगरपालिका मे दो समुदाय बिच दिनप्रतिदिन संप्रदायिक हिंसा फैलरही, कौन होगा जिम्मेवार
कलैया, बारा।
पचरौता नगरपालिका मे दो समसदाय बिच दिनप्रतिदिन संप्रदायिक हिंसा फौलरही है। येसी सम्प्रदायिक हिंसा देश भर यदि फिला तो कौन होगा जिम्मेवार कहके बुद्धिजीवी वर्गोमें चिन्ता सताए जा रहि है। पचरौता नगरपालिका वार्ड न. ६ पकडिया अन्तरगत का सरकारी विद्यालय का निजि जमिन में मुस्लिम समुदाय के लोग अपना निजीकरण करने के उदेश्य से चिहान (कब्रगाह) बनाने के कारण मारकाट होनेसे कैयी बार बचि है। इधर कोरोना भाइरस कि वजह लगाया गया लकडाउन के दौरान तीनबार दोनो समुदाय के बिच हजारो हजार लोग लाठिफाठा लेकर एकठित होतेहुवे संघारक द्वन्द होनेसे बची है।
कुछ बिद्धिजिवी लोगोका कहना है कि समाजकी अगुवा नेता कार्यकर्ता लोग मुस्लिम और हिन्दु लोगोको एक आपसमे लडाकर अपना भोट बैंक बनानेके उदेश्यके साथ ये चिहान (कब्रगाह) बनानेकी आश्वासन देकर येसी विवाद खडा किया गया है। इससे पहले भि कैइ बार इसि विषयको लेकर विवाद हुवा है। और अब फिरसे ये विवाद खडा करके अपना अपना राजनीतिक स्वार्थ सिद्ध कर्ने पर लगे है लोगोका मानना है।
उधर जिल्ला प्रशासनका प्रमुख जिल्ला अधिकारी रुद्र प्रशाद पंडित ने व्यवहारिक तौरपे दोनो समुदायके लोग उपभोग करते आरहे के अधारपे उक्त चिहान बनानेको कहने के वाद असंतुष्ट पक्षने उच्च अदालत अस्थायी इजलास बीरगंजमे स्कुलका सभी लालपुर्जा लगायतका प्रमाण पेष करके उक्त जमिन में कुछ नहि करनेको निशेध आज्ञा जारी करनेके वाद में दोनो पक्षका लोग अपने अपने घरको चलेथे।
जेष्ठ २७ गते कि निशेध आज्ञा जारी होनेके रातमें हि मुस्लिम लोग हिन्दु समुदायके उपर अत्यधिक आक्रोशित होनेके कारण वडा अध्यक्ष मकबुल मिया स्वंम अपने हि, हिन्दु शब्द प्रयोग करते हुवे गाली दिया और करिब रातको आठ बजे हि दोनो तरफ से सैकडो लोग जम्मा हुवे और कसके होहल्ला होने के साथ साथ एक हिन्दु समुदाय के लोग पर मुस्लिम समुदाय के लोग घरेलु हतियार से वार करने पर एक हिन्दु युवक का बायी आख के उपरी भागमें एक इन्च गहिरा और डेढ इन्च लम्बा घाव लगकर नारायणी उप-क्षेत्रीय अस्पताल मे इलाज होरहा था हालममे उनका स्वास्थ्य समान्य होरहा है।
हालकी अवस्था स्थिति परिस्थिति में तनाव बढ्ते जानेकी संकेत किया जारहा है। लोगोका मानना है कि एक जिम्मेवार व्यक्ति नहि बल्की स्थानीय सरकार होकरके एक संस्था के निजि सम्पत्ति को गैर कानुनी रुपसे कामकारबाही करनेकी वजह से ऐसी संघारक संमप्रदायिकता फैल्नेका जिम्मेवारी स्वयं स्थानीय सरकार को लेना होगा। ऐसी दो समुदाय केबीच सम्प्रदायिकता कहि ऐसा ना हो कि देश भर फैल जाये ईश बातकी चिन्ता कि बात लोगो ने जता ने लगे है।
२०७४ के अचारसंहिता में व्यवस्था अनुसर किसिने दो समुदाय के बिच संप्रदायिक्ता फैलानेका किसिप्रकार दुसकर्म किया तो कानुनी रुपमे सजाय में जेल और जुर्वाना भि भर्ना पडेगा। जोकि स्थानीय सरकार के द्वारा किया गया लोगोका मानना है।
वडा अध्यक्ष मकबुल मिया अंसारी से ईश विषय मे जानकारी लेनेपर उन्होने बताया कि मैने यदि ऐसा अपराध किया था तो लोग हमपर पंचायत क्यु नहि किया ? कहके प्रश्न किया ।
लेकिन ऐसी लज्जास्पद कामके लिए पंचायती से अछा कानुनी तौरपे करनेको लेकर जिल्ला प्रशासन कार्यालय और जिल्ला प्रहरी कार्यालय मे तारीख ढोनेको बाध्य है लेकिन पिडितके सिकायत कहिभी दर्ज नहि हो परहा है। पिडितके अनुसार ऐसी स्थितिमे जिम्मेवार लोग यदि गम्भीर नहि होंगे तो फिर ऐसी गतिविधि का बढावा मिलेगा और कल्ह के लिए ये घातक सिद्ध होने से कोइ नहि रोक सक्ता कहके लोग और चिन्तित हो रहे है। दुसरी बात यह भि देखा जा रहा है कि धार्मिक सहिष्णुता कि कोइ अर्थ नहि रहेगा।